क्या मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर माइक्रोसॉफ्ट के लिए खतरा हैं?

Ankur Gupta
Ankur Guptahttps://antarjaal.in
पेशे से वेब डेवेलपर, पिछले १० से अधिक वर्षों का वेबसाइटें और वेब एप्लिकेशनों के निर्माण का अनुभव। वर्तमान में ईपेपर सीएमएस क्लाउड (सॉफ्टवेयर एज सर्विस आधारित उत्पाद) का विकास और संचालन कर रहे हैं। कम्प्यूटर और तकनीक के विषय में खास रुचि। लम्बे समय तक ब्लॉगर प्लेटफॉर्म पर लिखते रहे. फिर अपना खुद का पोर्टल आरम्भ किया जो की अन्तर्जाल डॉट इन के रूप में आपके सामने है.

जब किसी सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाता है तो उसका सोर्स कोड सी, जावा जैसी किसी भाषा में लिखा जाता है। इन प्रोग्रामिंग भाषाओं में अंग्रेजी के शब्द होते है जिन्हे कोई भी प्रोग्रामर आसानी से समझ सकता है। किन्तु कम्प्यूटर इन भाषाओं को समझ नही सकता। अत: कम्प्यूटर पर क्रियान्वित करने के लिए इन्हे कंपाइल करके मशीन कोड अथवा इंटरमीडिएट कोड में परिवर्तित किया जाता है। एक बार कंपाइल करने के पश्चात सॉफ्टवेयर का कोड न तो मनुष्य द्वारा पढ़ा जा सकता है और न ही उसमें कोई बदलाव किया जा सकता है। किन्तु कंपाइल होने के पश्चात उसे कम्प्यूटर क्रियान्वित कर सकता है।

क्लोज्ड सोर्स सॉफ्टवेयर क्या होते हैं?

जब किसी सॉफ्टवेयर के केवल कंपाइल किए हुए वर्जन का वितरण किया जाता है और मूल सोर्स कोड को सुरक्षित रखा जाता है तब ऐसे सॉफ्टवेयरों को हम क्लोज्ड सोर्स सॉफ्टवेयर कहते हैं। उदाहरण के लिए विंडोज आपरेटिंग सिस्टम, नार्टन एंटी वायरस, फोटोशॉप आदि। उपयोगकर्ता इन सॉफ्टवेयरों का उपयोग तो कर सकते हैं किन्तु इनमें कोई बदलाव नही कर सकते हैं। क्योंकि इनका सोर्स कोड उपलब्ध नही कराया जाता। आमतौर पर ऐसे सॉफ्टवेयर पैसे देकर खरीदने पड़ते हैं। हलांकि कई क्लोज्ड सोर्स सॉफ्टवेयर मुफ्त में भी मिलते हैं।

मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर क्या होते हैं?

जब किसी सॉफ्टवेयर के कंपाइल किए हुए वर्जन के साथ साथ उसका सोर्स कोड भी वितरित कर दिया जाता है तब उसे मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर कहते हैं। ऐसे सॉफ्टवेयरों का लोग न केवल उपयोग कर सकते हैं बल्कि यदि उन्हे प्रोग्रामिंग का ज्ञान हो तो उसमें मनचाहे फेर बदल भी कर सकते हैं। मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर मुफ्त में मिलते हैं।

जब मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयरों की बाजार में‌ हिस्सेदारी बढ़ने लगी तो कई लोगों को ऐसा लगने लगा कि शायद इससे माइक्रोसॉफ्ट को खतरा पैदा हो सकता है। माइक्रोसॉफ्ट का व्यापार क्लोज्ड सोर्स सॉफ्टवेयर के बिजनेस माडल पर टिका है। आरंभ में माइक्रोसॉफ्ट ने भी यही प्रचारित किया कि मुक्त स्रोस सॉफ्टवेयर अच्छे नही होते और क्लोज्ड सॉफ्टवेयर ही अच्छे होते हैं। इस तरह उसकी छवि मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयरों के विरोधी की तरह बन गई थी। लेकिन अंतत: उसने भी मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयरों को साथ लेना शुरू कर दिया है। अब तो लिनक्स को विंडोज सबसिस्टम फार लिनक्स के जरिए विंडोज के साथ ही‌ चलाया जा सकता है।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या माइक्रोसॉफ्ट मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर वाली कंपनी बन सकती है? क्या मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर की लोकप्रियता माइक्रोसॉफ्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं? इसे समझने के लिए हमें सबसे पहले यह समझना होगा कि ओपन सोर्स एक बिजनेस माडल है।

सभी मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियां अपने प्रोग्रामरों से मुफ्त में तो काम लेती नही। मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का भी उसी प्रकार एक बिजनेस माडल होता है जिस प्रकार क्लोज्ड सोर्स सॉफ्टवेयर का होता है। उदाहरण के लिए रेड हैट का आपरेटिंग सिस्टम ओपन सोर्स है लेकिन वह सहायता और सपोर्ट देने का शुल्क लेता है। जबकि माइक्रोसॉफ्ट का आपरेटिंग सिस्टम क्लोज्ड सोर्स है लेकिन वह सहायता और सपोर्ट का कोई शुल्क नही लेती।

इसी प्रकार गूगल को देखें। गूगल का क्रोम ब्राउजर मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर है। इससे ब्राउजर के बेहतर विकास में मदद मिलती है। लेकिन गूगल की कमाई का स्रोत उसकी विभिन्न आनलाइन सेवाएं हैं। तो ब्राउजर जितना अच्छा होगा उसकी आनलाइन सेवाओं का लोग उतने ही अच्छे से उपयोग कर पाएंगे। जिससे गूगल को मुनाफा होगा। ध्यान रहे गूगल अपनी आनलाइन सेवाएं जैसे जीमेल, गूगल सर्च, यूट्यूब, एडवर्ड आदि के सोर्स कोड को वितरित नही करता। और इन्हे सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस के रूप में‌ प्रदान करता है।

इसी प्रकार से अन्य़ कंपनियां भी कोई न कोई बिजनेस माडल का प्रयोग करके मुफ्त और मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयरों से कमा ही‌ लेती हैं। मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर का भी‌ उसी तरह का एक बिजनेस माडल है जिस प्रकार क्लोज्ड सोर्स सॉफ्टवेयर का होता है। अगर माइक्रोसॉफ्ट को कभी‌ बिजनेस माडल बदलना पड़ा तो वह अवश्य बदलेगा किन्तु मुनाफ़े में ही रहेगा। अत: उसे मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयरों से कोई खतरा नही है।

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