१. एंड्रायड गूगल का विचार नही था। वास्तव में एंड्रायड इन्क की स्थापना एंडी रूबिन नें की थी और यह उन्ही का विचार था। बाद में गूगल को यह पसंद आया और उसने एंड्रायड इन्क को खरीद लिया।
२. गूगल नेक्सस फोन के आने के पहले ही लोगों में यह अफवाह उड़ने लगी थी कि गूगल कोई जीफोन बना रहा है। यह सन २००७ की बात है। सन २०१० में नेक्सस फोन जारी हुए।
३. एक ब्रिटिश फर्म नें नेक्सस का एक विशेष फोन जारी किया है जिसे अंतरिक्ष में सेटेलाइट के नियंत्रण में प्रयोग किया जा रहा है। फर्म इस बात पर शोध कर रही है कि उपभोक्ताओं के लिए बने इलेक्ट्रानिक उत्पाद अंतरिक्ष की कठिन वातावरण में कैसा प्रदर्शन कर पाते हैं।
४. एंड्रायड के प्रत्येक संस्करण का कोड नेम किसी न किसी मिष्ठान्न के नाम पर होता है जैसे कि : जेलीबीन, किटकैट, आइसक्रीम सैंडविच आदि। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाता है कि प्रत्येक संस्करण के कोड नेम का शुरुआती अक्षर पिछले संस्करण के नाम के शुरुआती अक्षर से वर्णमाला क्रम में एक वर्ण आगे हो। अर्थात: Icecream Sandwitch (I) Jelley Bean (J) KitKat (K
५. किन्तु एंड्रायड के पहले संस्करण का नाम किसी मिष्ठान्न के नाम पर नही था। शुरुआती अल्फा संस्करण किसी न किसी रोबोट के नाम पर रखे गए जैसे : एस्ट्रो ब्वाय, R2-D2.
६. एंड्रायड आधारित पहला फोन एचटीसी ड्रीम था।
७. एंड्रायड पूरी तरह से मुक्त स्रोत है। यानि कि आप इसके स्रोत कोड को बदल कर पूरे तंत्र में ही बदलाव कर सकते हैं और दूसरों को भी वितरित कर सकते हैं।