डिजिटल इंस्पाइरेशन चिट्ठे में अमित अग्रवाल जी ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया| उन्होने बताया कि यूट्यूब अब न केवल विभिन्न अनुप्रयोगों की कुंजियों को साझा करने का माध्यम बन गया है बल्कि आजकल तो ऐसे वीडियो भी खूब प्रकाशित किए जा रहे हैं जिनमें किसी अनुप्रयोग को बकायदा तोड़ने फोड़ने(क्रैक करने) की विधि भी भी बताई जा रही है| और तो और अब यूट्यूब की खोज सुझाव सुविधा (Search Suggestion) भी पायरेसी को बढ़ावा दे रही है| ये देखिए :-

एक पायरेसी वाली वेबसाइट चलाकर आप उतनी पायरेसी नही फैला सकते जितना कि यूट्यूब पर उसके वीडियो डालकर| ऐसा इसलिए है क्योंकि पायरेसी वाली साइट को लोकप्रिय होने में काफी वक्त लगेगा वहीं यूट्यूब के वीडियो करोड़ों लोग रोज देखते हैं|
मुझे लग रहा है कि कहीं ये मुद्दा भी यूट्यूब के गले की हड्डी ना बन जाए|