यदि आप 3डी के बारे में अधिक नही जानते हैं तो बताना चाहूंगा कि कोई तृआयामी चित्र, बहुभुजों से मिलकर बना होती है। किसी भी तृआयामी चित्र में जितने अधिक बहुभुज होंगे वो उतनी ही ज्यादा बारीक और स्पष्ट दिखाई देगी।

ऊपर दिये गए चित्र को देखकर आप समझ सकते हैं कि इस तृआयामी चेहरे में जैसे जैसे बहु्भुजों की संख्या बढ़ाई गई यह उतना ही अधिक बारीक और स्पष्ट होता गया।
दिक्कत ये है कि जितने अधिक बहुभुज होते हैं, कम्प्यूटर को उन्हे दिखाने में उतनी ही अधिक शक्ति लगानी पड़ती है।
कम्प्यूटरीकृत तृआयामी की दुनिया जब से बनी तब से हमारे ग्राफिक कार्ड निर्माता हमेशा यह कोशिश करते रहे कि उनके ग्राफिक कार्ड अधिक से अधिक बहुभुजों को दिखा पाएं। हर साल जारी होने वाले ग्राफिक कार्ड २०% की दर से बहुभुजों की संख्या में बढ़ोत्तरी कर रहे हैं।
लेकिन तब क्या जब हमें किसी तृआयामी चित्र में असीमित बहुभुज चाहिए हों?
ऐसी परिस्थिति में बहुभुजों का आकार इतना छोटा करना होगा कि वो परमाणु के आकार के हो जाएं। और ऐसे तृआयामी चित्रों को दिखाने के लिए अत्याधिक शक्तिशाली ग्राफिक कार्डों की जरूरत होगी। और ये जिस गति से विकसित हो रहे हैं तो उसमें इन्हे वो क्षमता हासिल करने में पचास साल लग जाएंगे।
इसी समस्या का हल है Unlimited Detail.
Unlimited Detail वह तकनीक है जिसमें कोई तृआयामी चित्र बहुभुजों से बनने की बजाय तृआयामी बिंदुओं या पिक्सलों से मिलकर बनेगा। अब आप सोच रहे होंगे कि यदि इतने छोटे छोटे बिंदुओं को “रेंडर” किया जाएगा तो काफी शक्तिशाली कम्प्यूटरों की आवश्यकता होगी। नही, बिल्कुल नही। दरअसल यही इस तकनीक की खासियत है। आपने देखा होगा कि जब आप एमएस वर्ड में अपने दस्तावेज का कोई शब्द खोजते हैं तो वो शब्द जहां जहां पाया जाता है उसे एमएस वर्ड पीले रंगों से रंगकर विशिष्टता से दिखा देता है। बाकी को छोड़ देता है। लेकिन इसमें ज्यादा शक्ति खर्च नही होती। कुछ कुछ ऐसी ही तकनीक का इस्तेमाल अनलिमिटेड डिटेल में भी किया गया है। यानि कि यदि आप 800×600 का कोई चित्र किसी तृआयामी चित्र से पैदा करना चाहेंगे तो यह केवल 800×600 के आकार में जितने बिंदु दिखाई देंगे उनकी ही गणना करेगा। शेष को छोड़ देगा। इससे कम शक्तिशाली ग्राफिक कार्ड भी एकदम बारीक और स्पष्ट चित्र पैदा कर पाएंगे।



अनलिमिटेड डिटेल की अधिक जानकारी के लिए http://unlimiteddetailtechnology.com पर जाएं।