अभी तक तो भारत में ज्यादातर लोग पायरेटेड विंडोज से चिपके रहने के कारण लिनक्स के विषय में कुछ जानते ही नही थे। लेकिन अब लगता है कि समय बदल रहा है। उबुन्टू को विकसित करने वाली कैनॉनिकल का दावा है कि पिछले वर्ष भारत में उबुन्टू को उपयोग करने वालों की संख्या में १६० प्रतिशत का इजाफा हुआ है। चूंकि उबुन्टु मुफ्त है और लोग इसे अपनी मर्जी से उपयोग करते हैं इसलिए यह आंकड़े एकदम सटीक तो नही हैं पर इन्हे सॉफ्टवेयर अपडेट और सॉफ्टवेयर सेंटर से डाउनलोड की संख्या के आधार पर तैयार किया गया है।
गौरतलब है लो कैनॉनिकल नें डेल से हाथ मिलाकर उबुन्टू को उसके लैपटॉपों के साथ वितरित करने का अनुबंध कर लिया है। भारत में डेल के साढे आठ सौ स्टोरों के जरिए ये लैपटॉप बेचे जाएंगे। अत: भविष्य में हमारे देश में उबुन्टू छाने वाला है। अत: मेरा मानना है कि भविष्य में उबुन्टु या अन्य लिनक्स वितरणों पर पुस्तकों, जालस्थलों, लेखकों, ऑपरेटरों, डेवेलपरों आदि की मांग बढ़ेगी और इस दिशा में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। और जब धीरे धीरे लोग मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर से परिचित होने लगेंगे तो देश में भी मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयरों के विकास के रास्ते खुलेंगे।
स्रोत: एफीटाइम्स
भारत में पिछले वर्ष उबुन्टू के उपयोग में १६० प्रतिशत की बढ़ोत्तरी | अंतर्जाल डॉट इन…
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